चमगादड़ नहीं, इस जानवर से फैला पूरी दुनिया में कोरोनावायरस, वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा


पूरी दुनिया में कहर बरपाने वाले कोरोनावायरस के फैलने को लेकर एक बार फिर नया और चौंकाने वाला दावा किया गया है. अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम के अनुसार, चीन के वुहान शहर के एक सीफूड मार्केट (seafood market) से जैनेटिक सैंपल एकत्र किए गए थे. एनालिसिस से पता चला है कि वहां बेचे जाने वाले रैकून कुत्तों में SARS-CoV-2 वायरस मौजूद था, जो कोरोना महामारी फैलने की वजह हो सकता है और प्राकृतिक उत्पत्ति के बारे में केस स्टडी को मजबूत कर रहा है.

बता दें कि साल 2020 में कोरोना ने कहर बरपाना शुरू किया था और आज भी पूरी दुनिया इस वायरस को खत्म करने को लेकर जूझ रही है. इस बीच, वायरस को लेकर एक बहस चल रही है कि आखिरकार ये कहां से आया और इसकी उत्पत्ति कैसे हुई? शुरुआत में विशेषज्ञों ने चीन की वुहान लैब को दोषी ठहराया था और वायरस फैलाने का दावा किया था. हालांकि, चीन ने इस दावे को सिरे से खारिज दिया था. विशेषज्ञ भी पुख्ता सबूत जुटाने के मशक्कत में जुटे हैं. अब तीन साल बाद विशेषज्ञों ने नया और बड़ा दावा किया है. एक्सपर्ट ने कहा कि ये वायरस चमगादड़ अथवा चूहों से नहीं, बल्कि चीन में रैकून कुत्तों से पूरी दुनिया में फैला है. टीम ने इस बात के सबूत भी पाए हैं.

स्वैब के बाद बंद कर दिया गया था मार्केट

न्यूयॉर्क टाइम्स ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा कि विशेषज्ञों की टीम ने साल 2020 में हुनान सीफूड होलसेल मार्केट और इसके करीबी इलाके से जेनेटिक डेटा फॉर्म स्वैब को इकट्ठा किया था. कुछ ही समय बाद चीनी अधिकारियों ने बाजार को बंद कर दिया था. इस स्वैब की लैब में जांच हुई. अधिकारियों को इस मार्केट से नए वायरस के फैलने का संदेह था. अमेरिकी ऊर्जा विभाग के एक खुफिया आकलन के हफ्तों बाद नया सबूत आया है जिसमें बताया गया है कि वुहान में एक वायरोलॉजी प्रयोगशाला से ‘आकस्मिक प्रयोगशाला रिसाव’ (accidental laboratory leak) सबसे ज्यादा महामारी की वजह था.

रिसर्च टीम ने ऐसे जुटाए थे सैंपल

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब जानवरों को बाजार से बाहर कर दिया गया था, तब शोधकर्ताओं ने दीवारों, फर्श, धातु के पिंजरों और जानवरों के पिंजरों को ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियों से स्वैब लिया. विश्लेषण में शामिल तीन वैज्ञानिकों के हवाले से कहा गया है- जो सैंपल लिए गए थे, उनकी कोरोनोवायरस को लेकर रिपोर्ट पॉजिटिव आई. अंतरराष्ट्रीय शोध दल को जानवरों से संबंधित आनुवंशिक सामग्री मिली है, जिसमें बड़ी मात्रा में रेकून कुत्ते को लेकर सैंपल मैच किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय टीम के नए डेटा के सामने आने के बाद यह चीनी शोधकर्ताओं से शेयर किया गया और सहयोग करने की पेशकश के साथ फाइलें अपलोड की गईं. हालांकि, उसके बाद, GISAID (एवियन इन्फ्लुएंजा डेटा शेयर करने पर वैश्विक पहल) से सीक्वेंस गायब हो गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस और जानवर के आनुवंशिक सामग्री का एक साथ गायब होना यह साबित नहीं करता है कि एक रैकून कुत्ता खुद संक्रमित था.

रैकून कुत्ते वायरस फैलाने में सक्षम

रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां तक ​​​​कि अगर एक रेकून कुत्ता संक्रमित हो गया था तो यह स्पष्ट नहीं होगा कि उस जानवर ने लोगों में वायरस फैलाया था. हो सकता है कि कोई दूसरा जानवर लोगों को वायरस दे सकता है या वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति एक रेकून कुत्ते को वायरस फैला सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, विश्लेषण ने यह साबित किया कि रेकून कुत्ते कोरोना फैलाने में सक्षम पाए गए हैं. उन्होंने नोट किया कि वायरस एक जंगली जानवर से मनुष्यों में फैल गया था.

लेकिन बाजार के जेनेटिक डेटा सबसे ठोस सबूत पेश करते हैं कि कैसे वायरस एक लैब के बाहर जंगली जानवरों से लोगों में फैल सकता है. इससे यह भी पता चलता है कि चीनी वैज्ञानिकों ने सबूतों के बारे में अधूरी जानकारी दी है. चीन इस बात की डिटेल्स दे सकता था कि हुआनन बाजार में वायरस कैसे फैल रहा था.

पिंजरे में बंद दिखे थे रैकून कुत्ते

अंतर्राष्ट्रीय टीम में एरिजोना यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट माइकल वोरोबे, कैलिफोर्निया के स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक वायरोलॉजिस्ट क्रिस्टियन एंडरसन और सिडनी यूनवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट डॉ. एडवर्ड होम्स शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सैंपल ने विशेष रूप से उनका ध्यान खींचा. यह हुनान बाजार में एक विशिष्ट स्टॉल से जुड़ी एक गाड़ी से लिया गया था, जिसे होम्स ने 2014 में देखा था. उस स्टॉल में एक अलग पिंजरे वाले पक्षियों के ऊपर पिंजरे में बंद रैकून कुत्ते थे. जो नए वायरस के फैलने के लिए अनुकूल वातावरण की तरह था.

नए एनालिसिस को लेकर Utah यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट स्टीफन गोल्डस्टीन ने कहा- हम अपेक्षाकृत जल्दी पता लगाने में सक्षम थे कि इनमें से कम से कम एक सैंपल में वायरस न्यूक्लिक एसिड के साथ-साथ रेकून डॉग न्यूक्लिक एसिड भी था. वायरोलॉजिस्ट गोल्डस्टीन ने कहा- हालांकि हमारे पास संक्रमित जानवर नहीं है और हम निश्चित रूप से यह साबित नहीं कर सकते कि उस स्टॉल पर एक संक्रमित जानवर था. लेकिन यह देखते हुए कि बाजार में मौजूद जानवरों का उस समय सैंपल नहीं लिया गया था, यह उतना ही अच्छा है जितना हम पाने की उम्मीद कर सकते हैं.

बता दें कि दिसंबर 2019 में चीन के वुहान प्रांत में पहला कोरोनावायरस का केस दर्ज किया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर COVID-19 के 760,360,956 केसों की पुष्टि हो चुकी है. इनमें 6,873,477 मरीजों की मौतें हुई हैं.

 


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