दुर्ग, छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में साल 2018 के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड मामले में 5 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है. गंजपारा निवासी समाजसेवी रावलमल जैन व उनकी पत्नी सुरजी देवी की हत्या के मुख्य आरोपी एवं उनके पुत्र संदीप जैन को फांसी की सुनाई गई है. विशेष न्यायधीश शैलेष तिवारी ने संदीप को मां व पिता की हत्या के दोनों मामलों में अलग-अलग फांसी की सजा सुनाई है. वहीं, इसमें सहअभियुक्त रहे भगत सिंह गुरुदत्ता व शैलेन्द्र सागर को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है.
जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2018 को संदीप जैन ने माता-पिता की घर में ही सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस मामले में संदीप को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद से संदीप जैन दुर्ग केंद्रीय जेल दुर्ग में बंद था. इस मामले की सुनवाई 5 साल तक स्थानीय अदालत में चलती रही. जिसके बाद सोमवार को इसका फैसला आया है.
पुलिस ने बताया कि एक जनवरी 2018 को गंजपारा निवासी नगपुरा तीर्थ के मैनेजिंग ट्रस्टी रावलमल जैन व उनकी पत्नी सुरजा देवी की गोली मारकर हत्या की गई थ. सुबह 5.45 बजे घटना की जानकारी आरोपी संदीप जैन के भांजे सौरभ ने सिटी कोतवाली पुलिस दुर्ग को दी. इसके बाद पुलिस ने गंजपारा स्थित जैन निवास से शव बरामद किया और संदीप जैन को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. जिस पिस्टल से हत्या हुई थी वह संदीप की ही थी. पिस्टल व बुलेट को घर के पीछे खड़े एक मालवाहक वाहन से बरामद किया था. संदीप जैन को इस हत्याकांड में कारतूस शैलेन्द्र सिंह सागर और भगतसिंह गुरुदत्ता ने सप्लाई की थी.
वहीं, आरोपी संदीप जैन ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि आगे देखते हैं. पता चल जाएगा. रास्ता बंद नहीं हुआ है. मैंने अपने माता पिता की हत्या नहीं की है. हाईकोर्ट में इस पर समीक्षा होगी.