हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के संचालन में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों का भारत सरकार करेगी सम्मान, छत्तीसगढ़ में अभी 4887 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स संचालित, दिसम्बर तक के निर्धारित लक्ष्य से 62 और सेंटर्स को किया फंक्शनल
रायपुर, यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे के मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 10-11 दिसम्बर को बनारस में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को सम्मानित किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के संचालन में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों को सम्मानित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के संचालन के लिए दिसम्बर-2022 तक के लिए निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा सेंटर्स को फंक्शनल कर लिया है। छत्तीसगढ़ को कुल 4825 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन कर हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर्स के रूप में संचालित करने का लक्ष्य मिला था। राज्य में अभी इस लक्ष्य से 62 अधिक यानि 4887 केंद्रों का संचालन हो रहा है।
प्रदेशवासियों को सार्वभौमिक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) नियुक्त किए गए हैं। इन केंद्रों में प्रसव पूर्व देखभाल व प्रसव, नवजात शिशु स्वास्थ्य एवं टीकाकरण, परिवार नियोजन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं संचारी रोग व गैर-संचारी रोग स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, सामान्य रोगों के लिए बाह्य रोगी देखभाल एवं प्रबंधन, आंख-नाक-कान-गला संबंधी सामान्य देखभाल, मुख स्वास्थ्य संबंधी देखभाल, वयोवृद्ध स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं तथा आपातकालीन चिकित्सा सुविधा जैसी 12 तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। लोगों को सेहत के प्रति जागरूक करने इन केंद्रों के माध्यम से योग एवं वेलनेस की गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में 30 साल से अधिक उम्र के लोगों के रक्तचाप, डायबिटीज व कैंसर जैसी बीमारियों की निःशुल्क जांच भी की जाती है। इनके मरीजों को जरूरत के अनुसार निःशुल्क दवा और परामर्श भी दिया जाता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में उपचार के साथ-साथ लोगों को स्वस्थ जीवन-शैली के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन सेंटर्स में गांव में ही इलाज मिलने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भीड़ कम हुई है। इससे मरीजों को इलाज के लिए ज्यादा दूरी भी तय नहीं करनी पड़ रही है। किसी व्यक्ति में गंभीर बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर उसे समय रहते जानकारी दे दी जाती है जिससे वह समय पर अपना इलाज करा सके। स्वास्थ्य विभाग जरूरत की सभी दवाईयां हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहा है ताकि प्राथमिक व नियमित तौर पर चलने वाला उपचार गांव में ही संभव हो सके।