खरगोन जिले में बड़ा हादसा हुआ है। बोराड़ नदी पर बने पुल से एक यात्री बस 50 फीट नीचे गिर गई। हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई। 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मौतों का आंकड़ा बढ़कर 20 तक पहुंच सकता है। हादसे में ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर की भी मौत होने की सूचना है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खरगोन में हुई बस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बेहद दुखद घटना है। घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घटनास्थल पर अधिकारी तत्काल पहुंच गए हैं। घटना में 15 लोगों की मौत की सूचना है। करीब 25 लोग घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया है। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। बस क्रमांक एमपी10-पी-7755 मां शारदा ट्रैवल्स की बताई जा रही है, जो खरगोन जिले से इंदौर जा रही थी। यह हादसा खरगोन-ठीकरी मार्ग पर हुआ। बस नदी पर बने पुल से गुजर रही थी, जब वह एकाएक नीचे गिर गई। जोर से आवाज आई और अफरा-तफरी मच गई। बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। हादसा दसंगा गांव के करीब हुआ है। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिस जवान घायलों की मदद करने में लगे हुए हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद विधायक रवि जोशी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। मौके पर पहुंचे विधायक रवि जोशी से बातचीत में ग्रामीणों ने कहा कि रोजाना बसें ओवरलोड होकर तेज रफ्तार में गुजरती है। कई बार हमने बस वालों को टोका, लेकिन वह लोग दादागिरी करते हैं।
शिवराज ने घोषित की आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख जताते हुए हादसे में मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए आर्थिक सहायता घोषित की है। राज्य सरकार ने खरगोन में हुई बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारजनों को चार लाख रुपये की सहायता राशि, गंभीर घायलों को 50 हजार रुपये, कम एवं साधारण घायलों को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही दुर्घटना में घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
गनीमत है कि सूखी थी नदी
नदी सूखी होने से मौतों की संख्या 15 के आसपास बताई जा रही है। यदि नदी में पानी होता तो मृतकों का आंकड़ा अधिक हो सकता था। इसी तरह का हादसा पिछले साल खलघाट पर हुआ था, जब एक बस नर्मदा नदी पर बने पुल से गिर गई थी और कोई भी नहीं बचा था।