सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक से किया इनकार, शिंदे गुट और EC से मांगा जवाब


अदालत के फैसले से शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है तो उद्धव ठाकरे को फिर झटका लगा है।

मुंबई, शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर चल रही लड़ाई में उद्धव ठाकरे गुट को फिर झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने स्टे लगाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि हम आपकी और दूसरे पक्ष की दलीलों को सुने बिना कोई भी फैसला नहीं दे सकते। यानी शिवसेना के सिंबल और नाम का इस्तेमाल का अधिकार फिलहाल एकनाथ शिंदे गुट के पास ही रहेगा। वैसे सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग और शिंदे गुट को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है। दो सप्ताह के बाद फिर इस मामले पर सुनवाई होगी। अदालत का यह फैसला एक तरफ शिंदे गुट के लिए बड़ी राहत है तो वहीं उद्धव ठाकरे को फिर से निराश करने वाला है।

उद्धव ठाकरे गुट की मांग

उद्धव ठाकरे गुट ने मांग की थी कि आखिरी फैसला होने तक एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और सिंबल इस्तेमाल करने से रोक दिया जाए। इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। उद्धव ठाकरे की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले का आधार लचर है। इस मामले में कोई अंतिम फैसला होने तक स्टे लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले से गंभीर चिंता पैदा होती है।

क्या कहते हैं जानकार?

इस बीच कानून के जानकारों के मुताबिक किसी भी पार्टी के सिंबल और नाम पर फैसला करने का अधिकार चुनाव आयोग को है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से उद्धव ठाकरे को राहत मिलने की उम्मीद कम ही है। गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे गुट ने अब पार्टी के कार्यालय पर भी दावा ठोक दिया है। उनका कहना है कि अब हमें शिंदे गुट ना कहा जाए बल्कि हम ही अब शिवसेना हैं।

 

 


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